अलीराजपुर। पुलिस अधीक्षक अलीराजपुर राजेश व्यास की अध्यक्षता में 03 अप्रेल को पुलिस नियंत्रण कक्ष, अलीराजपुर में अनुभाग अलीराजपुर के थाना प्रभारियों की अपराध समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य लंबित प्रकरणों के निराकरण में आ रही समस्याओं की समीक्षा करना, माइक्रो बीट सिस्टम एवं ई-साक्ष्य एप के प्रभावी संचालन का आकलन करना और अपराध नियंत्रण को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करना था। इस बैठक में अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक प्रदीप पटेल, उप पुलिस अधीक्षक महिला सुरक्षा बी0एल0अटौदे, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) अलीराजपुर अश्विनी कुमार सहित थाना प्रभारी अलीराजपुर, कटिठवाडा, सोण्‍डवा, सोरवा, बखतगढ एवं चांदपुर उपस्थित रहे।बैठक के प्रमुख बिंदु और निर्देश:1. लंबित प्रकरणों की समीक्षा एवं त्वरित निराकरण- बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास ने अनुभाग जोबट के सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया कि वर्ष 2025 से पूर्व के सभी लंबित अपराध, चालान एवं मर्ग मामलों का जल्द से जल्द निराकरण सुनिश्चित करें। यदि किसी प्रकरण के निराकरण में कोई व्यावहारिक कठिनाई आ रही हो, तो संबंधित अधिकारियों को अवगत कराते हुए त्वरित समाधान निकाला जाए।2. निगरानी बदमाशों की सूची अपडेट करने के निर्देश- पुलिस अधीक्षक ने निर्देश दिए कि सक्रिय गुंडे एवं निगरानी बदमाशों की सूची को नियमित रूप से अपडेट किया जाए ताकि अपराध नियंत्रण की रणनीति को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके। साथ ही, उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि ऐसे अपराधी जिनके खिलाफ पूर्व में दो या अधिक अपराध दर्ज हो चुके हैं और जो वर्तमान में भी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हैं, उनके विरुद्ध प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रतिबंधात्मक धाराओं में अंतिम बाउंड ओवर कराया जाए।3. प्री-एमएलसी रजिस्टर का भौतिक सत्यापन- बैठक के दौरान प्री-एमएलसी (मेडिको-लीगल केस) रजिस्टर का भौतिक सत्यापन भी किया गया और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि सभी मामलों की समुचित प्रविष्टि सुनिश्चित की जाए।4. जब्तशुदा शराब के नष्टिकरण के निर्देश- थानों में जब्तशुदा शराब की मात्रा की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया गया कि जिन मामलों में न्यायालय द्वारा निस्तारण हो चुका है, उन मामलों में जब्तशुदा शराब को नियमानुसार शीघ्र नष्ट किया जाए।5. वारंट तामिली की समीक्षा- बैठक में वारंट तामिली की स्थिति की समीक्षा की गई और सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि लंबित वारंटों की शीघ्र तामिली कराई जाए, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।6. ई-साक्ष्य एप के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर- बैठक में ई-साक्ष्य एप के माध्यम से जप्ती और गिरफ्तारी की कार्यवाही को अद्यतन करने की प्रक्रिया पर चर्चा की गई। पुलिस अधीक्षक ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया कि इस एप का अधिकतम उपयोग किया जाए ताकि केस डायरी, डिजिटल साक्ष्य और अन्य आवश्यक रिकॉर्ड को प्रभावी रूप से संधारित किया जा सके।7. माइक्रो बीट सिस्‍टम-पुलिस अधीक्षक अलीराजपुर के द्वारा माइक्रो बीट सिस्‍टम की थानावार समीक्षा की गई थाना प्रभारियों के द्वारा माइक्रो बीट सिस्‍टम की प्रस्‍तुत जानकारी के सत्‍यापन हेतु बैठक कक्ष से ही अलग-अलग थानों के माइक्रो बीट प्रभारियों को मोबाईल से चर्चा कर उनके बीट के संबंध मे जानकारी प्राप्त की गई। 04 कर्मचारियों के द्वारा उनकी बीट के संबंध सटीक जानकारी पुलिस अधीक्षक को दी गई तथा उनके बीट में संचालित गतिविधि से भी पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया। बीट की सही जानकारी देने पर प्रआर शंकर चौहान, प्रआर हीरालाल डोडवा, आर सूरत एवं महिला आर ललिता को इनके उत्‍साहवर्धन एवं प्रौत्‍साहन हेतु नगद ईनाम से पुरस्‍कृत करने के आदेश पुलिस अधीक्षक के द्वारा दिये गये।माइक्रो बीट सिस्‍टम के संभावित लाभ-सूचना प्रवाह में तेजी – बीट क्षेत्र में होने वाली किसी भी आपराधिक या संदिग्ध गतिविधि की तत्काल सूचना पुलिस को मिल सकेगी। सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा – स्थानीय लोग पुलिस से सीधे जुड़े रहेंगे, जिससे उनके मन में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ेगा। अपराधों की रोकथाम – आमजन की सतर्कता और पुलिस के साथ उनकी भागीदारी से अपराधियों पर नकेल कसना आसान होगा। आपातकालीन सहायता में सहूलियत – किसी भी आपात स्थिति में बीट प्रभारी और स्थानीय नागरिक तुरंत पुलिस से संपर्क कर सकेंगे।पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास द्वारा बताया कि अलीराजपुर पुलिस द्वारा माइक्रो बीट सिस्टम को पूरी तरह लागू कर लिया गया है। माइक्रो बीट प्रणाली को डिजिटल माध्यम से जोड़ने का यह प्रयास पुलिस और जनता के बीच एक मजबूत सेतु का कार्य करेगा, जिससे कानून-व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा और इसके सत्यापन के बाद सही जानकारी प्रदान करने वाले चार बीट प्रभारियों को नगद पुरस्कार देने के आदेश भी जारी किए गए हैं। इस प्रणाली के तहत बीट प्रभारियों को अपने क्षेत्र में होने वाली प्रत्येक गतिविधि की सटीक जानकारी प्राप्त हो सके, इसके लिए एक अभिनव कदम उठाया गया है—प्रत्येक बीट प्रभारी को अपने क्षेत्र का वॉट्सएप ग्रुप बनाना अनिवार्य किया गया है। इस ग्रुप में पुलिस को सहयोग करने वाले अधिक से अधिक स्थानीय नागरिकों को जोड़ा जाएगा।

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