
अलीराजपुर। नवीन आपराधिक अधिनियम-2023, जो कि 1 जुलाई 2024 से प्रभाव में आया है, के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु अलीराजपुर जिले में तीन दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण 09 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक अनुभाग अलीराजपुर व जोबट में एक साथ संपन्न हुआ। पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास के मार्गदर्शन में आयोजित इस प्रशिक्षण का उद्देश्य पुलिस अधि/कर्मचारियों को नवीन विधिक प्रावधानों एवं तकनीकी पहलुओं में दक्ष बनाना था। अनुभाग अलीराजपुर का प्रशिक्षण पुलिस नियंत्रण कक्ष, अलीराजपुर में तथा अनुभाग जोबट का प्रशिक्षण जोबट में सम्पन्न हुआ। दोनों अनुभागों से कुल लगभग 40 पुलिस अधि/कर्मचारियों ने इस सत्र में भाग लिया।प्रशिक्षण के दौरान निम्नलिखित प्रमुख विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया गया:
1.एफआईआर पंजीकरण प्रक्रिया (BNSS 173-7), ई-एफआईआर, ज़ीरो एफआईआर
2.गिरफ़्तारी एवं अभिरक्षा से संबंधित नए विधिक प्रावधान
3.समयसीमा में चार्जशीट/अंतिम प्रतिवेदन का प्रस्तुतिकरण एवं न्यायालयीन प्रक्रिया
4.महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराधों में कानूनी सुधार
5.अपराध स्थल का संरक्षण, प्रारंभिक जांच में एफएसएल की भूमिका
6.वैज्ञानिक साक्ष्य का संग्रहण, संरक्षण एवं प्रबंधन की आधुनिक विधियाँ
7. डिजिटल अनुप्रयोगों का उपयोग – eSummon, eWarrant, eShakshya App, eRakshak App
8.CCTNS में IIF फॉर्म्स की जानकारी एवं उपयोगिता
9.MedLEaPR व Investigation Tracking System for Sexual Offences (ITSSO) का संचालन
10.अपराध स्थल की फ़ोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी की तकनीकेंप्रशिक्षण के अंतिम दिवस, 11 अप्रैल को पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास स्वयं प्रशिक्षण केंद्र अलीराजपुर में उपस्थित होकर प्रशिक्षणार्थियों से संवाद किया एवं प्रशिक्षण के अनुभवों के संबंध में फीडबैक प्राप्त किया। उन्होंने प्रतिभागियों को निर्देशित करते हुए बताया कि नवीन आपराधिक अधिनियम-2023 का उद्देश्य पुलिस अनुसंधान प्रणाली को अधिक उत्तरदायी, पारदर्शी एवं तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है, जिसके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु यह प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक है। श्री व्यास ने यह भी बताया कि यह प्रशिक्षण सत्र पहले चरण का हिस्सा था, तथा आगामी समय में पाँच चरणों में इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे जिले के प्रत्येक पुलिस अधि/कर्मी को विधिक व तकनीकी रूप से पूरी तरह प्रशिक्षित किया जा सके। समापन अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रदीप पटेल एवं उप पुलिस अधीक्षक (महिला सुरक्षा शाखा) बी.एल. अटौदे भी उपस्थित रहे, जिन्होंने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया एवं विधिक उन्नयन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
