अलीराजपुर ।। दिनांक 01/07/2024 को सम्‍पूर्ण भारत में नवीन आपराधिक कानून 2023 लागू होने जा रहे हैं। इसकी पूर्व संध्‍या पर पत्रकारगणों से परिचर्चा कार्यक्रम रविवार को स्‍थानिय मोती हॉल अलीराजपुर में जिला पुलिस अलीराजपुर द्वारा आयोजित किया गया। इस जागरूकता कार्यक्रम की अध्‍यक्षत राजेश व्‍यास पुलिस अधीक्षक अलीराजपुर द्वारा की गई। नवीन आपराधिक कानून पर प्रस्‍तुतीकरण प्रदीप पटेल अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक अलीराजपुर द्वारा दिया गया और नए प्रावधानों, नागरिकों के अधिकारों, महिलाओं, बच्‍चों के लिए विशेष प्रावधानों, साक्षी संरक्षण योजना, पीडित के अधिकारों तथा संगठित अपराधों, न्‍याय प्रणाली में सूचना प्रौद्योगिकी के समावेश के विषय में अवगत-काराया। परिचर्या में पत्रकार साथियों के नवीन कानून से संबंधित जिज्ञासाओं का समाधान पुलिस अधीक्षक द्वारा किया गया।कार्यक्रम में पत्रकारगण उपस्थित रहे तथा अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) अनुभाग अलीराजपुर अश्विनी कुमार, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) अनुभाग जोबट, उप पुलिस अधीक्षक (महिला सुरक्षा शाखा) बी.एल.अटोदे, जिले के समस्‍त थाना प्रभारी गण उपस्थित रहे। नवीन-अपराधिक कानून लागू होने वाले दिन जिले के समस्‍त थानों पर विद्युत साज-सज्‍जा की जावेगी एवं पुलिस मुख्‍यालय के निर्देशों के अनुसार अन्‍य तैयारी की जा रही है ।अलीराजपुर पुलिस की तैयारी:- लगभग 600 पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया । CCTNS सॉफ्टवेयर मे जरूरी बदलाव किये। प्रत्‍येक थाने मे IPC / CrPC की धाराओं का Conversion Table को चार्ट तैयार कर प्रदर्शित किया । प्रत्‍येक पुलिस कर्मी को ई-संकलन एवं ई-साक्ष्‍य का प्रशिक्षण दिया गया। नवीन अपराधिक कानुन की जागरूकता के लिए 01 जुलाई को जिले के समस्‍त थानों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जायेगे जिसमें स्‍थानीय एवं गणमान्‍य नागरिक आमंत्रित रहेगे। कोई भी नागरिक इस कार्यक्रम में सहभागिता कर सकता है।

प्रमुख बदलाव:-1. E-FIR का प्रावधान किया गया है, अब किसी भी गंभीर अपराध की e-FIR घर बैठे भी दर्ज कराई जा सकती है। और 03 दिवस के भीतर थाने पर जाकर FIR पर हस्‍ताक्षर करने होगे।

2.आपराधिक न्याय प्रणाली के सभी चरणों का व्यापक डिजिटलीकरण किया गया। तलाशी और जब्ती की वीडियोग्राफी की जावेगी। इसमें ई-रिकॉर्ड, जीरो-FIR, e-FIR, समन, नोटिस, दस्तावेज प्रस्तुत करना और ट्रायल शामिल हैं।

3. व्हाट्सअप नम्‍बर पर भी पीडित को उसके केस में अनुसंधान मे क्‍या प्रगति हो रही उसकी सूचना दी जावेगी। इसलिए पीडित को अपना व्‍हाटसअप नम्‍बर उपलब्‍ध कराना होगा ।

4.समंस/वारंट भी अब नवीन आपराधिक प्रक्रिया में इलेक्‍ट्रानिक माध्‍यम जैसे व्‍हाट्सअप आदि पर भी तामिल किए जा सकेगे ।

5. झुठे वादे अथवा छदम पहचान के आधार पर यौन शोषण करना अब आपराधिक कृत्‍य है ।

6. 18 वर्ष से कम आयु की युवती के साथ सामूहिक बलात्‍कार के लिए अजीवन कारावास या मृत्‍यु दंड का प्रावधान किया गया ।

7. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अधीन लैगिंक अपराध की पीडिता के कथनों की विडियोग्राफी की जावेगी।

8. खात्‍मा रिपोर्ट न्‍यायालय में स्‍वीकृत होने से पूर्व पीडित का पक्ष सुना जावेगा ।

9. साक्षी संरक्षण योजना लागू की गई, जिसमें साक्षी को सुरक्षा दी जावेगी ।

10. लैगिंक अपराध से पीडित महिला का मेडिकल परीक्षण कोई भी पंजीकृत चिकित्‍सा अधिकारी कर सकेगा एवं 07 दिवस के भीतर रिपोर्ट पुलिस को प्रस्‍तुत करना पडेगा।

11. पुलिस के वैद्य निर्देश को मानने से कोई इंकार नही कर सकेगा ।

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