@सोनू सालवी

अलीराजपुर । जिले में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों की हजारों हेक्टेयर भूमि को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू करने और 600 हेक्टेयर भूमि को खनन प्रक्रिया में लेने के विरुद्ध पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेश पटेल और जोबट विधायक सेना पटेल एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष ओमप्रकाश राठौर ने पत्रकार वार्ता लेते हुवे इस खनन साज़िश को रोकने के लिए जनआंदोलन की चेतावनी दी।आयोजित पत्रकार वार्ता में पटेल दंपत्ति ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश, झारखंड और राजस्थान के आदिवासी बहुल इलाकों में खनिज खनन हेतु केंद्र तथा राज्य शासन ने लाखों हैक्टेयर भूमि को चिन्हित कर लिया है जिसमें अलीराजपुर जिले के जोबट विधानसभा में हजारों हेक्टेयर जमीन पर खनन हेतु ब्लॉक निर्धारित कर दिए हैं वहीं समीपस्थ धार जिले में भी ऐसे ही अनेक ब्लॉक खनन हेतु नीलामी में शामिल किए गए हैं। दुःख यह है कि शासन-प्रशासन ने आदिवासी समाज को इस मामले में हर बार अंधेरे में रखा। यानी धोखाधड़ी करते रहें। सन 2003 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम एपीजे अबुल कलाम साहब ने अनुसूचित क्षेत्र के रूप में झाबुआ अलीराजपुर को घोषित किया था परंतु राष्ट्रपति द्वारा इस क्षेत्र की अस्मिता के लिए दिए गए आदेश को भी भाजपा सरकार द्वारा ताक पर रख दिया है साथ ही पूर्व में कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 (एमएमडीआर अधिनियम) में भी 17 अगस्त 2023 को किया गया हैं ताकि आदिवासी बहुल इलाकों में खनन हेतु संशोधन किया गया हैं। वर्तमान हालात यह हैं कि जोबट क्षेत्र में कम से कम छह ब्लॉक का सरकार द्वारा निर्धारण हो गया हैं और ये कुल भूमि करीब 4000 हेक्टेयर हैं यानी करीब 10000 एकड़ भूमि। हमारा कहना है कि केन्द्र तथा प्रदेश सरकार द्वारा आदिवासी समाज के साथ लगातार धोखाध़डी की जा रही हैं उनकी नजर में आदिवासी बहुल इलाकों की भूमि से बेदखल करने की साज़िश है और इसमें जिला प्रशासन भी पूरी तरह से शामिल हैं भाजपा के सारे नेताओ तथा जनप्रतिनिधियों की इसमें बढ़चकर सहमति बनीं हैं तभी तो 600 एकड़ के ब्लॉक की नीलामी हो गई हैं। मप्र की भाजपा सरकार इस मामले में पूरी तरह झूठ बोल रही हैं क्योंकि 8 सितंबर 2021 को ही इस योजना की पूरी जानकारी मप्र शासन के पास थी कि इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में खनन किया जाएगा। कुल मिलाकर जिले के भाजपा नेता, प्रदेश और देश की भाजपा सरकार को आदिवासियों की चिंता नहीं हैं और इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में खनन के विरुद्ध बड़ा जनआंदोलन किया जाएगा ।

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