@सोनू सालवी

आलीराजपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने पर रविवार को विजयादशमी उत्सव के निमित्त शताब्दी वर्ष का पथसंचलन नगर में बड़े उत्साह के साथ निकाला गया। नगरवासियों ने पुष्पवर्षा कर विभिन्न स्थानों पर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। यह पथसंचलन फतेह क्लब मैदान से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए पुनः वहीं समाप्त हुआ। बौद्धिक कार्यक्रम और अतिथियों के उद्बोधनकार्यक्रम के पूर्व बौद्धिक सत्र आयोजित हुआ, जिसमें मंच पर मुख्य अतिथि जितेंद्र जी कोठारी (समाजसेवी), विशेष अतिथि चंदरसिंह जी चौहान (भगत जी), जिला संघचालक नानसिंह जी धाकड़, खंड संघचालक भुवन जी भंवर तथा मुख्य वक्ता प्रांत जनजाति कार्य प्रमुख कैलाश जी अमलियार मंचासीन रहे।

मुख्य अतिथि श्री कोठारी ने कहा कि “हम भाग्यशाली हैं कि हमने हिंदू धर्म में जन्म लिया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं। संघ ही एक ऐसा संगठन है जो पूरे हिंदू समाज को संगठित करने का कार्य कर रहा है।मुख्य वक्ता कैलाश जी अमलियार का बौद्धिकश्री अमलियार ने हल्दीघाटी के वीर राणा पुंजा भील, डॉ. हेडगेवार और श्री गुरुजी को नमन करते हुए कहा कि “डॉ. हेडगेवार ने 1925 में जो बीज बोया था, वह आज 53 देशों में वटवृक्ष बन चुका है।”उन्होंने बताया कि 1921 में जेल से लौटकर डॉ. हेडगेवार ने हिंदू समाज की एकता के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की।

समय-समय पर आए प्रतिबंधों और संघर्षों के बावजूद संघ निरंतर समाज निर्माण के कार्य में लगा रहा।संघ की ऐतिहासिक यात्राउन्होंने संघ के 100 वर्षों की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि1925 में संघ स्थापना,1942 में “भारत छोड़ो आंदोलन” में अप्रत्यक्ष योगदान,1947 में विभाजन के दौरान सेवा कार्य,1975 के आपातकाल में संघर्ष,1986 में राम जन्मभूमि न्यास की स्थापना,1990 की कारसेवा,2003 भुज भूकंप में सेवा कार्य,2021 कोरोना महामारी में राहत कार्य —इन सभी में संघ ने सदैव राष्ट्रहित में योगदान दिया।

संघ की आगामी कार्ययोजना : पंच परिवर्तनश्री अमलियार ने “संघ की आगामी पंच परिवर्तन योजना” प्रस्तुत की —

स्व का जागरण

नागरिक शिष्टाचार का पालन

कुटुंब व्यवस्था का संरक्षण व मंगल सभा आयोजन

सामाजिक समरसता का पालन

पर्यावरण संरक्षण

उन्होंने कहा कि “इन पाँच बिंदुओं पर कार्य कर ही हम अपने राष्ट्र को सम्पन्न और सशक्त बना सकते हैं।”—पथसंचलन का समापनबौद्धिक के पश्चात घोष की धुन पर स्वयंसेवक कदमताल करते हुए नगर भ्रमण पर निकले। मातृशक्ति और समाजबंधुओं ने पुष्पवर्षा व जयघोष के साथ स्वागत किया।कार्यक्रम में योगासन, एकल गीत, अमृत वचन, प्रार्थना और आकर्षक रंगोली प्रदर्शन भी हुआ।कार्यक्रम का आभार नगर कार्यवाह श्री श्रवण जी गुप्ता ने व्यक्त किया।

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