@सोनू सालवी
जोबट। आगामी नवरात्रि महोत्सव को लेकर बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने जोबट एसडीओपी रविन्द्र सिंह राठी को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा गया कि नवरात्रि हिन्दू समाज का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण पर्व है। माँ दुर्गा की नौ दिनों तक भक्ति और आराधना की जाती है। इस दौरान गरबा महोत्सव भी बड़े स्तर पर होता है। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों से इन आयोजनों में आपत्तिजनक और असामाजिक गतिविधियाँ हो रही हैं। इसे रोकने के लिए प्रशासन को ठोस कदम उठाने चाहिए।
ज्ञापन में रखी गई मांगें इस प्रकार हैं—
- जिस गरबा पांडाल में मुस्लिम युवक पाए जाएँ, उस गरबा संचालक पर रिपोर्ट दर्ज की जाए एवं उसकी अनुमति तत्काल निरस्त की जाए और भविष्य में भी अनुमति न दी जाए।
- गरबा स्थलों पर गैर-हिन्दू समुदाय के लोगों का प्रवेश सख्ती से प्रतिबंधित किया जाए।
- गरबा को इवेंट के रूप में स्वीकृति न दी जाए।
- गरबा में अश्लील फिल्मी गानों पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया जाए।
- जिस स्थान पर 9 दिन के लिए माताजी की घट स्थापना हो, केवल उसी स्थल पर गरबा की अनुमति दी जाए।
- गरबा स्थल पर प्रवेश केवल पहचान पत्र देखकर ही दिया जाए।
- गरबा आयोजन की जिम्मेदारी हिन्दू समुदाय के व्यवस्थापकगण पर ही निश्चित की जाए और गैर-हिन्दू समुदाय का व्यक्ति पाए जाने पर अनुमति निरस्त की जाए।
- हिन्दू देवी-देवताओं के चित्र शरीर पर प्रदर्शित करने वाले व्यक्तियों को गरबा पांडाल में आने की अनुमति न दी जाए।
- गरबा पंडाल एवं परिसर से लेकर सड़क तक सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्थित व्यवस्था हो।
- महिलाओं एवं बच्चियों को घर तक सुरक्षित पहुँचाने की व्यवस्था आयोजकों द्वारा की जाए।
- विवादित अथवा गैर-हिन्दू अतिथि/सेलिब्रिटी कलाकारों को आयोजक आमंत्रित न करें।
- गरबा स्थल में क्षमता से अधिक युवक-युवतियों का प्रवेश न दिया जाए।
- आयोजक गरबा स्थल की क्षमता चिन्हित करें, अन्यथा भीड़ की वजह से टकराव और विवाद की स्थिति बन सकती है।
- किसी भी प्रकार का नशा व धूम्रपान कार्यक्रम स्थल पर प्रतिबंधित रहे।
- माँ दुर्गा की नियमित आराधना अनिवार्य हो।
- गरबा स्थल पर प्रत्येक दिन बाल स्वरूप कन्या का पूजन हो।
- परिवार के साथ आए दर्शकों की बैठक व्यवस्था अलग से की जाए।
- नि:शुल्क गरबा आयोजनों में समाज/पुलिस व्यवस्था निःशुल्क हो, जबकि टिकट आधारित आयोजनों में पुलिस व्यवस्था में लगे कर्मचारियों और अधिकारियों का वेतन आयोजकों से लिया जाए क्योंकि यह पूर्णत: व्यावसायिक कार्यक्रम है।
- गरबा स्थलों के आसपास किसी भी गैर-हिन्दू की दुकान एवं स्टॉल लगाने की अनुमति न दी जाए।
- गरबा पांडालों एवं आसपास किसी भी प्रकार का मांस, मदिरा या अन्य मादक पदार्थ पूर्णत: प्रतिबंधित रहे।
ज्ञापन में स्पष्ट कहा गया कि गरबा धार्मिक आस्था का आयोजन है, इसलिए इसमें अशोभनीय या असामाजिक गतिविधियों को किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा।



