इंदौर। सिकल सेल एनीमिया एक गंभीर आनुवंशिक बीमारी है, जो विशेष रूप से आदिवासी समुदायों में अधिक प्रचलित है। इस बीमारी में रक्त के लाल कणों का आकार सामान्य से बदलकर सिकल जैसा हो जाता है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट, दर्द और कमजोरी होती है। यदि इसका समय पर उपचार न किया जाए, तो यह जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। हम, एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज और एम.वाय. हॉस्पिटल इंदौर के डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन की टीम, 27 नवंबर 2024 को आदिवासी छात्रावासों में सिकल सेल जांच शिविर का आयोजन कर रहे हैं।

इस शिविर के दौरान, 136 छात्रों के रक्त सैंपल लिए गए ताकि हम समय रहते सिकल सेल एनीमिया की पहचान कर सकें और इसके इलाज के लिए आवश्यक कदम उठा सकें।साथ ही, बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर शुरू की गई मोलिक्यूलर लैब का उद्घाटन भी एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इस बीमारी की जल्दी पहचान करने में मदद करेगा। इस लैब के माध्यम से हम सिकल सेल के निदान और उपचार में अधिक सटीकता और गति ला सकेंगे।हमारे शिविर में आदिवासी बच्चों को सिकल सेल के बारे में जागरूक किया गया और उन्हें रक्तदान के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। इस पहल में शहीद उधम सिंह सेवा दान समिति, गोल्ड क्वॉइन सेवा ट्रस्ट और भीमा नायक रक्त दूत इंदौर के सदस्य भी शामिल हुए, जिन्होंने बच्चों को सिकल सेल के उपचार और रक्तदान के लिए प्रेरित किया। मैं विशेष रूप से डॉ. रामू ठाकुर का आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने इस अभियान में मार्गदर्शन किया और आदिवासी बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। डॉ. ठाकुर के नेतृत्व में इस शिविर की सफलता सुनिश्चित हुई और उन्होंने इस मिशन को नई दिशा दी। उनकी टीम के प्रयासों के कारण हम सिकल सेल के खिलाफ प्रभावी कदम उठा पा रहे हैं।

“सिकल सेल एनीमिया एक गंभीर आनुवंशिक बीमारी है, जो माता-पिता से उनके बच्चों में हस्तांतरित होती है और इसके कारण अनगिनत परिवारों के जीवन में संघर्ष उत्पन्न होता है। इस समस्या के समाधान की दिशा में हम, शहीद भीमा नायक रक्त दूत समूह के सदस्य, एम.वाय.एच प्रशासन के सहयोग से पश्चिमी मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में शिविरों का आयोजन करेंगे। इन शिविरों के माध्यम से हम सिकल सेल के बारे में जागरूकता फैलाने और इसके इलाज के उपायों पर काम करेंगे ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका सही समय पर इलाज मिल सके और इसके प्रभाव को कम किया जा सके। हमारा उद्देश्य है कि इस गंभीर बीमारी से प्रभावित परिवारों की मदद की जाए और सिकल सेल के उन्मूलन की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं।”

भूपेंद्र बामनिया, संस्थापक, शहीद भीमा नायक रक्त दूत, इंदौर

“सिकल सेल के प्रति जागरूकता और उपचार के लिए उठाए गए कदमों से हम आदिवासी समुदाय के बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं। हम आशा करते हैं कि इस प्रकार के शिविरों से सिकल सेल के उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति होगी।

डॉ. रामू ठाकुर, एम.वाय. हॉस्पिटल, इंदौर

“सिकल सेल एनीमिया से संबंधित जागरूकता फैलाना और इसके इलाज के लिए सही जानकारी देना हमारे समाज की एक बड़ी जिम्मेदारी है। इस दिशा में हम सभी मिलकर काम कर रहे हैं

जगप्रित सिंह टुटेजा, बल्ड एम्बेडकर, इंदौर

समाजसेवी अनिल रावत ने इस अभियान का समर्थन करते हुए कहा, “सिकल सेल एनीमिया से बचाव और जागरूकता के लिए हर व्यक्ति का सहयोग जरूरी है। जांच शिविरों और शिक्षा के माध्यम से हम इस बीमारी को नियंत्रित कर सकते हैं। आइए, एकजुट होकर सिकल सेल मुक्त समाज का निर्माण करें।

“समाजसेवी अनिल रावत ग्राम कदवाल , शिकर एकेडमी इंदौर

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