@सोनू सालवी

इंदौर: सुमन फाउंडेशन की शिखर एकेडमी ने 85 बच्चों को दिलाई नवोदय, सैनिक स्कूल, एकलव्य और कन्या शिक्षा परिसर में ऐतिहासिक सफलता”शिक्षा वह चाबी है, जो हर बंद दरवाजे को खोलती है और जीवन को नई दिशा देती है।” इस कहावत को साकार करते हुए इंदौर के सुमन फाउंडेशन ने अपने निःशुल्क शिक्षा मिशन के तहत शैक्षणिक वर्ष 2025-26 में एक नया कीर्तिमान रचा है। शिखर एकेडमी, इंदौर की पहल से 85 बच्चों ने नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल, एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल और कन्या शिक्षा परिसर में प्रवेश हासिल किया है। यह उपलब्धि मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव का प्रतीक है, जो ग्रामीण बच्चों के सपनों को नई उड़ान दे रही है।

मिशन: हर बच्चे तक शिक्षा की रोशनीपिछले तीन वर्षों से सुमन फाउंडेशन मध्य प्रदेश के ग्रामीण और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों—धार, झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी, खंडवा, खरगोन, रतलाम और देवास में शिक्षा की ज्योति प्रज्वलित करने के लिए समर्पित है। ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश की तैयारी के साथ-साथ नैतिक मूल्य, कर्तव्यबोध और आत्मविश्वास की शिक्षा दी जा रही है। इस वर्ष 85 बच्चों का चयन इस मिशन की सफलता का जीवंत प्रमाण है, जो ग्रामीण बच्चों के लिए अवसरों के नए द्वार खोल रहा है।प्रेरक व्यक्तित्व: भूपेंद्र बामनिया और अनिल रावतइस मिशन के पीछे दो प्रेरक शक्तियाँ हैं—सुमन फाउंडेशन के संस्थापक भूपेंद्र बामनिया और युवा शिक्षक अनिल रावत।

धार जिले के छोटे से गाँव अतरसुमा निवासी भूपेंद्र बामनिया पुलिस विभाग में अपनी सेवाओं के साथ-साथ बच्चों को गणित और अंग्रेजी जैसे विषयों को सरल और रोचक ढंग से पढ़ाते हैं। वे कहते हैं, “शिक्षा वह शक्ति है, जो अज्ञानता के अंधेरे को मिटाकर तार्किक सोच, सामाजिक-आर्थिक स्वतंत्रता और समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त करती है।”वहीं, आलीराजपुर के कदवाल, जोबट निवासी अनिल रावत अपनी पढ़ाई के साथ-साथ प्रतिदिन कक्षाएँ संचालित करते हैं। उनका लक्ष्य है कि आलीराजपुर, जो भारत के सबसे कम साक्षर जिलों में से एक है, वहाँ शिक्षा के माध्यम से साक्षरता का परिदृश्य बदला जाए। अनिल का कहना है, “शिक्षा वह हथियार है, जो मेरे जिले की कम साक्षरता की पहचान को मिटाकर इसे प्रगति के पथ पर ले जाएगा।”शिक्षा के लाभ: सुमन फाउंडेशन की दृष्टिसुमन फाउंडेशन का यह प्रयास केवल शैक्षणिक उपलब्धियों तक सीमित नहीं है; यह बच्चों में समग्र बदलाव ला रहा है। भूपेंद्र बामनिया शिक्षा के लाभों को रेखांकित करते हुए कहते हैं:ज्ञान और जागरूकता: शिक्षा अज्ञानता के अंधेरे को दूर कर तार्किक सोच और जागरूकता को बढ़ावा देती है।आत्मविश्वास और स्वतंत्रता: यह बच्चों को अपने लक्ष्यों को स्वतंत्र रूप से हासिल करने की शक्ति देती है।करियर और आर्थिक उन्नति: शिक्षा बेहतर रोजगार के अवसर और आर्थिक स्थिरता प्रदान करती है।

सामाजिक विकास: शिक्षित व्यक्ति सामाजिक समानता, लैंगिक समानता और पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देते हैं।नैतिकता और मूल्य: शिक्षा विनम्रता, सहानुभूति और नैतिकता सिखाकर बेहतर इंसान बनाती है।स्वास्थ्य और जीवनशैली: शिक्षित लोग स्वच्छता और बेहतर जीवनशैली के प्रति जागरूक होते हैं।सामाजिक सेवा: शहीद भीमा नायक रक्त दूतसुमन फाउंडेशन शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक सेवा में भी अग्रणी है। इसके तहत “शहीद भीमा नायक रक्त दूत” पहल का संचालन किया जा रहा है, जिसमें 200 से अधिक युवा धार, झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी, खंडवा, खरगोन, रतलाम, देवास और इंदौर के आदिवासी क्षेत्रों में रक्तदान और सामाजिक जागरूकता के लिए कार्यरत हैं। यह पहल सामाजिक एकता और सेवा की भावना को मजबूत कर रही है।अभिभावकों की भावनाएँ: हृदयस्पर्शी प्रतिक्रियाएँइस उपलब्धि ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच खुशी की लहर दौड़ा दी है। कुछ अभिभावकों के हृदयस्पर्शी विचार:पुष्पेंद्र बामनिया: “मेरी बेटी का चयन एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, बड़वानी में हुआ। अनिल जी रावत, भूपेंद्र जी बामनिया और पूरी शिखर एकेडमी टीम का हृदय से आभार। आपके मार्गदर्शन ने मेरी बेटी के सपनों को पंख दिए।”शोभाराम अलावे: “मेरे पुत्र का चयन एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, बड़वानी में हुआ। बामनिया सर, रावत सर और उनकी पूरी टीम को दिल से धन्यवाद। आपके अथक प्रयासों ने यह चमत्कार संभव बनाया।”जगदीश सेनानी: “अनिल सर और भूपेंद्र सर को हार्दिक बधाई! आपकी मेहनत और समर्पण समाज के लिए प्रेरणा है। हमें आप पर गर्व है।”नारायण चौहान: “भूपेंद्र सर, अनिल सर और शिखर एकेडमी की पूरी टीम को इस ऐतिहासिक कार्य के लिए कोटिशः धन्यवाद। आपका योगदान हर बच्चे के भविष्य को रोशन कर रहा है।”मोहन चारेल: “सभी चयनित बच्चों को बधाई और सुमन फाउंडेशन को नमन। समाज को आप जैसे कर्मवीरों की जरूरत है।”मोतीराम जाधव (रेडियोग्राफर, बड़वानी): “जब स्वयं में सीखने का जज़्बा हो, तो दुनिया से क्या सीखना। बामनिया सर, अनिल सर और सभी सहयोगियों को नमन, जिन्होंने इस अभियान को गति और दिशा दी।”प्रेरक संदेश: निरीक्षक इमरत लाल धुर्वेनिरीक्षक इमरत लाल धुर्वे ने इस उपलब्धि पर कहा, “शिक्षा के क्षेत्र में यह प्रयास एक मील का पत्थर है। इस ऐतिहासिक मुहिम में योगदान देने वाले सभी व्यक्तियों को अनंत शुभकामनाएँ। आप सब ‘बूंद-बूंद से घड़ा भरने’ की मिसाल हैं। आपका समर्पण और मेहनत इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित होगी। हम महापुरुषों के समकक्ष नहीं हो सकते, पर उनके आदर्शों पर चलकर समाज को दिशा दे सकते हैं। यही सच्ची श्रद्धांजलि है।”भविष्य की राहसुमन फाउंडेशन का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में और अधिक बच्चों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाया जाए, ताकि ग्रामीण भारत के बच्चे अपने सपनों को साकार कर सकें। यह उपलब्धि न केवल सुमन फाउंडेशन और शिखर एकेडमी के लिए, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के लिए गर्व का क्षण है, जो शिक्षा के बल पर सामाजिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।शामिल हों, शिक्षा की क्रांति का हिस्सा बनेंनवीन शैक्षणिक सत्र के लिए कक्षाएँ शुरू हो चुकी हैं। इस प्रेरणादायक यात्रा का हिस्सा बनने के लिए Play Store से Shikhar Academy Indore ऐप डाउनलोड करें और शिक्षा के इस महायज्ञ में शामिल हों। अधिक जानकारी के लिए सुमन फाउंडेशन, इंदौर से संपर्क करें: +91-7869604934, +91-9993189834।प्रेरक उद्धरण: “शिक्षा वह शक्ति है, जो हर बच्चे को अपने सपनों के पंख देती है।” – सुमन फाउंडेशन

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